Sunday, January 27, 2013

काशी का हो जाना



क्या हैं गोरा 
क्या हैं काला
रंगभेद न इसने पाला
देशी हो या परदेशी
जिसने इसको जाना 
बस हो गया दीवाना
घाट चाट गालियां और गंगा 
हर बंदे का अलग बहाना 

घुल जाए पानी में शक्कर
या तू इसको नमक बताना
काशी में जब भी हो आना 
घाट, चाट, गालियां और गंगा 
हर बंदे का अलग बहाना
या तो काशी का हो जाना
या तो काशी लेते जाना 


: शशिप्रकाश सैनी

Tuesday, January 22, 2013

ठहरी दिल की गिलहरी



रोके रुके क्यों
क्यों माने तेरी
धड़कन तो धड़कन है जी
दिल की चले बस मर्जी
डाली से डाली कूदे
दिल का पाता जी पूछे
कब तक छुपा के देखो
बाहों में आके देखो
दिल की गिलहरी मेरी
दिल की गिलहरी तेरी
डिंगे लड़ा के देखो
रोके रुके ना
ना मानें मेरी
ठहरी दिल की गिलहरी


: शशिप्रकाश सैनी

Monday, January 14, 2013

पतंग बाजी 3


नभ हो जिसका सपना 
गिर जाए तो लूट मचे 
हाथों इतनी लग जाए
फिर ये ना उड़ पाए
अपनी डोर संभालिए 
गर छूना हो आकाश 
ध्यान हटेगा कट जाएगी
हाथों हाथों फट जाएगी

: शशिप्रकाश सैनी 

पतंग बाजी 2


नीली पिली और हरी
पेडों पे है खेतो में 
नज़र जहा जहा चली
पतंगों से दुनिया भरी
नीली पिली और हरी

: शशिप्रकाश सैनी 

पतंग बाजी 1



जंग छिडेगी छत छत पे 

वो पतंग उडाए डट के

वो नज़र लड़ाए हट के
ध्यान न तेरा भटके 
कही गीर न जाए कट के 
न गगन मिला 
न खेत
मुझको पूरा खेद 
राह से थोड़ा भटके 
अब पडो पे ये लटके

: शशिप्रकाश सैनी 



Sunday, January 13, 2013

Makar Sankranti




मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ

तिल गुड घ्या अणि गुड गुड बोला 

Wednesday, January 9, 2013