Wednesday, November 27, 2013
Tuesday, November 26, 2013
बुढिया के बाल (Cotton Candy)
जब देखू बुढिया के बाल
मुह मेरा भी टपकाए लार
बड़प्पन की छोड़ चाल
मैं दौड़ा चला आता हूँ
बुढिया के बाल पाते ही
मैं बच्चा हो जाता हूँ
: शशिप्रकाश सैनी
//मेरा पहला काव्य संग्रह
सामर्थ्य
यहाँ Free ebook में उपलब्ध
Monday, November 18, 2013
Sunday, November 10, 2013
Thursday, November 7, 2013
Subscribe to:
Posts (Atom)