Sunday, January 27, 2013

काशी का हो जाना



क्या हैं गोरा 
क्या हैं काला
रंगभेद न इसने पाला
देशी हो या परदेशी
जिसने इसको जाना 
बस हो गया दीवाना
घाट चाट गालियां और गंगा 
हर बंदे का अलग बहाना 

घुल जाए पानी में शक्कर
या तू इसको नमक बताना
काशी में जब भी हो आना 
घाट, चाट, गालियां और गंगा 
हर बंदे का अलग बहाना
या तो काशी का हो जाना
या तो काशी लेते जाना 


: शशिप्रकाश सैनी

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