Monday, January 14, 2013

पतंग बाजी 3


नभ हो जिसका सपना 
गिर जाए तो लूट मचे 
हाथों इतनी लग जाए
फिर ये ना उड़ पाए
अपनी डोर संभालिए 
गर छूना हो आकाश 
ध्यान हटेगा कट जाएगी
हाथों हाथों फट जाएगी

: शशिप्रकाश सैनी 

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