नव भाचित्रक
Monday, December 30, 2013
Assi Ghat Varanasi
न जाने कितने सूरज ऊगते हुए देखे यहाँ
चाँद के सफर के भी गवाह रहे
अस्सी से लंबा रिश्ता हैं हमारा
//मेरा पहला काव्य संग्रह
सामर्थ्य
यहाँ Free ebook में उपलब्ध
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